Navgrah Mantra | नवग्रह मंत्र के पाठ से यह होगा आपके साथ।
दोस्तों आप सभी का हमारे इस blog पर हार्दिक स्वागत है। दोस्तों आज के इस बेहद ही खास article में हम आपको navgrah mantra के बारे में सभी जानकारी देंगे।
Contents
नवग्रह मूल मंत्र
सूर्य :
ॐ सूर्याय नम:
चन्द्र:
ॐ चन्द्राय नम:
गुरू:
ॐ गुरवे नम:
शुक्र:
ॐ शुक्राय नम:
मंगल: ॐ भौमाय नम:
बुध :
ॐ बुधाय नमः
शनि: ॐ शनये नम: अथवा ॐ शनिचराय
नमः
राहु:
ॐ राहवे नम:
केतु : ॐ केतवे नम:
नवग्रह बीज मंत्र
सूर्य :
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:
चन्द्र:
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्राय नम:
गुरू:
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:
शुक्र :
ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:
मंगल: ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नमः
बुध :
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नमः
शनि : ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:
राहु:
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
केतु :
ॐ स्त्रां स्त्री स्त्रौं स: केतवे नम:
नवग्रह वेद मंत्र
सूर्य : ॐ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं
:
मतर्य च
हिरण्येन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन॥
इदं सूर्याय न मम॥
चन्द्र : ॐ इमं देवाऽसपत् न ग्वं सुवध्वम् महते
क्षत्राय महते ज्येष्ठयाय
महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय इमममुष्य पुत्रमुष्यै
पुत्रमस्यै विश एष
वोऽमी राजा सोमोऽस्माकं ब्राह्मणानां ग्वं राजा॥
इदं चन्द्रमसे न मम॥
गुरू : ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अहा धुमद्विभाति
क्रतुमज्जनेषु।
यददीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि
चित्रम॥
इदं बृहस्पतये, इदं न मम॥
शुक्र:
ॐ अन्नात् परिस्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत्
क्षत्रं पय:। सोमं प्रजापति: ऋतेन सत्यमिन्द्रियं
पिवानं ग्वं शुक्रमन्धसSइन्द्रस्येन्द्रियमि
मधु।। इदं शुक्राय, न मम।
मंगल : ॐ अग्निमूर्द्धा दिव: ककुपति: पृथिव्या
अयम्।
अपा ग्वं रेता ग्वं सि जिन्वति। इदं भौमाय, इदं न
मम॥
बुध : ॐ उदबुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहित्वमिष्टापूर्ते स
ग्वं सृजेथामयं च।
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च
सीदत॥
इदं बुधाय, इदं न मम॥
शनि : ॐ शन्नो देविरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।
शंय्योरभिस्त्रवन्तु न:। इदं शनैश्चराय, इदं न मम॥
राहु : ॐ कयानश्चित्र आ भुवद्वती सदा वृध: सखा।
कया शचिंष्ठया वृता॥ इदं राहवे, इदं न मम॥
केतु : ॐ केतुं कृण्वन्न केतवे पेशो मर्या अपेशसे।
समुषदभिरजा यथा:। इदं केतवे, इदं न मम॥
दोस्तों नवग्रहों को प्रसन एवं उनकी आराधना करने के लिए नवग्रह मंत्र का पाठ किया जाता है। अगर आपके साथ भी हमेशा कोई न कोई गलत काम होता रहता है या फिर जैसा आप सोचते है वैसा कभी नहीं होता है तो आपको इस नवग्रह मंत्र का पाठ करना आरम्भ करना देना चाहिए।
दोस्तों मैं जानता हूँ की आप अब यह सोच रहे होंगे की आपको navgrah मंत्र के बारे में जानकारी कैसे मिलेगी तो आप बिलकुल सही जगह पर आएगी। दोस्तों इस article की सहायता से हम आपको navgrah mantra lyrics के साथ साथ इस मंत्र के नित्य पाठ से होने वाले लाभ के बारे में भी बताएंगे।
दोस्तों मैं बस आपसे यही निवेदन करूँगा की आप इस मंत्र का नित्य पाठ करे। अगर आपको हमारी यह मेहनत पसंद आयी हो तो आप इसे अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों के साथ अवस्य share करे।
- दोस्तों वैसे तो इस मंत्र के पाठ से बहुत फायदे होते है परन्तु हम आपको इसके पाठ से होने वाले कुछ बेहतरीन लाभों के बारे में बताएंगे। दोस्तों हम इस मंत्र से होने वाले लाभों को इसलिए बता रहे है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस मंत्र का पाठ कर सके। आपको इस मंत्र का पाठ करते समय इससे होने वाले लाभों के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
- इस navgrah mantra के पाठ से नवग्रह को प्रसन किया जाता है।
- दोस्तों इसके पाठ से आपका हर वो कार्य जो की किसी अच्छे चीज़ से लिए किया जा रहा हो वो पूर्ण हो जाता है।
- आपके साथ होने वाली अनहोनी टल जाती है।
दोस्तों मुझे आशा है की आप सभी को हमारा यह article बहुत पसंद आया होगा जो की Navgrah Mantra Lyrics के ऊपर लिखा गया है। दोस्तों मैं आप सभी से यही कहूंगा की अगर आपको हमारी यह मेहनत पसंद आयी हो और अगर आप इसे सराहना चाहते है तो आप इसे अवस्य share करे।
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