Shiv aarti | भगवान शिव की सभी आरती का पाठ एवं लाभ
दोस्तों आप सभी का एक बार फिर से हमारे blog पर स्वागत है। दोस्तों आज का यह article shiv aarti के ऊपर लिखा गया है। दोस्तों मैं जनता हूँ की हम में से बहुत से लोग महाकाल के भक्त है परन्तु हमे महाकल की आरती के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं होता। आप सभी की इसी समस्या को दूर करने के लिए आज के article में हम आपको भगवान शिव के सारे आरती के lyrics उपलब्ध कराएंगे। दोस्तों मैं आप सभी से इतना ही निवेदन करूँगा की आप सभी इस पुरे article को पढ़े। दोस्तों हम आपको इस article में शिव जी के आरती के नित्य पाठ से होने वाले लाभ के बारे में भी बताएंगे।
Contents
shiv aarti lyrics in Hindi (Jai shiv Onkara)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
श्री महादेव जी की आरती
हर हर हर महादेव !
सत्य, सनातन, सुन्दर शिव! सबके स्वामी।
अविकारी, अविनाशी, अज, अंतर्यामी।। हर-हर…
आदि, अनंत, अनामय, अकल कलाधारी।
अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी।। हर-हर…
ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर, तुम त्रिमूर्तिधारी।
कर्ता, भर्ता, धर्ता तुम ही संहारी।। हर-हर…
रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औघरदानी।
साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता, अभिमानी।। हर-हर…
मणिमय भवन निवासी, अतिभोगी, रागी।
सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी।। हर-हर…
छाल कपाल, गरल गल, मुण्डमाल, व्याली।
चिताभस्म तन, त्रिनयन, अयन महाकाली।। हर-हर…
प्रेत पिशाच सुसेवित, पीत जटाधारी।
विवसन विकट रूपधर रुद्र प्रलयकारी।। हर-हर…
शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी।
अतिकमनीय, शान्तिकर, शिवमुनि मनहारी।। हर-हर…
निर्गुण, सगुण, निरंजन, जगमय, नित्य प्रभो।
कालरूप केवल हर! कालातीत विभो।। हर-हर…
सत्, चित्, आनंद, रसमय, करुणामय धाता।
प्रेम सुधा निधि, प्रियतम, अखिल विश्व त्राता। हर-हर…
हम अतिदीन, दयामय! चरण शरण दीजै।
सब विधि निर्मल मति कर अपना कर लीजै। हर-हर…
महाशिवरात्रि आरती
आ गई महाशिवरात्रि पधारो शंकर जी |
हो पधारो शंकर जी ||
आरती उतारें पार उतारो शंकर जी |
हो उतारो शंकर जी ||
तुम नयन नयन में हो मन मन में धाम तेरा
हे नीलकंठ है कंठ कंठ में नाम तेरा
हो देवो के देव जगत के प्यारे शंकर जी
तुम राज महल में तुम्ही भिखारी के घर में
धरती पर तेरा चरन मुकुट है अम्बर में
संसार तुम्हारा एक हमारे शंकर जी
तुम दुनिया बसाकर भस्म रमाने वाले हो
पापी के भी रखवाले भोले भाले हो
दुनिया में भी दो दिन तो गुजरो शंकर जी
क्या भेंट चढ़ाये तन मैला घर सूना है
ले लो आंसू के गंगा जल का नमूना है
आ करके नयन में चरण पखारो शंकर जी |
Shiv aarti के पाठ से होने वाले लाभ
- भगवान शिव हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करते है।
- हर संकट से बाहर निकालते है।
- कोई भी कार्य बिना किसी रुकावट के पूरा हो जाता है।
- भगवान शिव को खुश करने के लिए भगवान शिव की आरती एवं चालीसा का पाठ करना अत्यंत आवश्यक है।
- भगवान हमेशा हमे सही मार्ग दर्शाते है।
- भगवान शिव को भोले नाथ भी कहा जाता है।
दोस्तों मुझे पुरी उम्मीद है की आप सभी को हमारा यह article जो की Shiv aarti के ऊपर लिखा गया है पसंद आया होगा। अगर आपको वाकई हमारा यह post पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवस्य share करे।
दोस्तों अगर आप चाहे आप गणेश जी को और अधिक खुश करने के लिए आप shiv chalisa का पाठ भी कर सकते है।
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